Neha R Krishna
Happy Reading...!
Monday, 25 August 2014
अर्ज़ी
कितनी मोहब्बत करते है
कभी तो, इस बात को मानो
इश्क़ हैं, तो कहो ना,
जीने की रज़ा दो
रूठकर हमी से और न सज़ा दो
कुछ बातों के हकदार हम भी है
कुछ अल्फ़ाज़ से हमे भी नवाज़ों
अर्ज़ियाँ दे दे कर, हम तो हार गए...
© Neha R Krishna
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