Neha R Krishna
Happy Reading...!
Saturday, 27 September 2014
ज़िद्दी...
ठीक है,
तुम्हारी यहीं ज़िद है ना, कि तुम मेरे सपनो में आओगे, मिलने मुझसे
तो लो, इसी ज़िद में, तुम्हें और तुम्हारी ज़िद को ज़ेहन में रखते हुए
हम भी ये वादा करते है, कि,
अब हम अपनी आँखें कभी नहीं खोलेंगे...
© Neha R Krishna
"Fading"
Lost... Sigh! I lost it,
I lost you, I lost me,
Everything... I lost everything
In a bet with time;
I thought, I can win you over time
Losing you was the only nightmare
I never wanted to chase
Hence,
I wagered you with time
Did I, Did I do any wrong
But. When. I.
When I wagered you with time
I saw you fading... fading
© Neha R Krishna
"Frozen Little Heart"
Collecting some pieces
And, some more pieces
Of my heart,
My frozen little heart
Which scattered
In one touch of your words
Which you never shared
But it's killing me, it's the
The expression of your silent words
© Neha R Krishna
Tuesday, 23 September 2014
"आओ, सूरज बाँट लें..."
आओना, हम सूरज बाँट लें
तुम सुबह की अंगड़ाई तोड़ लेना
और मैं गुलाबी शाम परोसूँगी
शहर शहर किससे बिखेर देंगे
आओना, एक बार
सूरज बाँट लें, हम
एक सूरज, तुम्हारे देश का
सजाऊँ, अपने बरामदे में
और, भेजू एक सूरज अपने हवालों से
तुम्हारा घर सजाने के लिए
तन्हा तन्हा क्यूँ बैठे
आओना, सूरज बाँट लें हम
पंखों पे सूरज के,
हाल-ए-दिल लिख, भेज रही हूँ
तुम अहवाल-ए-दिल-ए-ज़ार बाँट देना मुझसे
आओना,
सूरज बाँट लें हम...
© Neha R Krishna
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